गौतम अडानी के एनडीटीवी के अधिग्रहण ने समाचार उद्योग में भले ही बेचैनी पैदा कर दी हो, लेकिन एनडीटीवी के कई कर्मचारियों के लिए यह बेहद फायदेमंद साबित हुआ है. अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद, और खरीद से पहले कई महीनों तक इसके बारे में चली ख़बरों के कारण इसके शेयर की कीमतें बढ़ गईं, जिससे कई शीर्ष अधिकारियों को एक अच्छा लाभ कमाने में मदद मिली.
अडानी एंटरप्राइजेज की नई मीडिया शाखा, एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने 23 अगस्त को घोषणा की कि वह एनडीटीवी का 29.18 प्रतिशत अधिग्रहण कर रही है. इस सौदे के बाद एक खुला प्रस्ताव भी जारी हुआ जिसके अंतर्गत अडानी एंटरप्राइजेज एनडीटीवी में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त कर सकती है, जिसके बाद वह बहुसंख्यक शेयरधारक बन जाएगी. यह खुला प्रस्ताव 17 अक्टूबर से शुरू होगा.
इस खरीद के अगले दिन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एनडीटीवी के शेयर 384.50 रुपए और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 388.20 रुपए में उपलब्ध थे. इससे पहले इन शेयरों की कीमत क्रमशः 356.90 और 358.65 रुपए थी. एक दिन बाद, बीएसई पर कीमत 403.70 और एनएसई पर 407.60 हो गई. 5 सितंबर तक बीएसई पर शेयर की कीमत बढ़कर 540.85 रुपए और एनएसई पर 545.75 रुपए हो गई, जो 2008 के बाद से सबसे ज्यादा थी. असल में कीमतें एक महीने में दोगुनी हो गईं.