क्या महायुति गठबंधन की नैया पार लगा पाएगी 'लाड़की बहीण योजना'?

हमने ने कई महिला किसानों से बात की, जिन्होंने साल 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिला. लेकिन, उन्हें लाड़की बहीण योजना का लाभ तुरंत ही मिलने लगा.

WrittenBy:प्रतीक गोयल
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में लाड़की बहीण योजना की धूम मची हुई है. पिछले साल, इस योजना ने मध्य प्रदेश के चुनाव परिणामों को पूरी तरह से बदल दिया था. जहां लाड़की बहीण योजना को महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों की महिला किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और महिलाओं के लिए बनी अन्य योजनाओं का ढंग से लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस संदर्भ में, न्यूज़लॉन्ड्री की टीम ने विदर्भ के कुछ ग्रामीण इलाकों का दौरा किया.

न्यूज़लॉन्ड्री ने कई महिला किसानों से बात की, जिन्होंने साल 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिला. हालांकि, उन्हें लाड़की बहीण योजना का लाभ तुरंत ही मिलने लगा था, जब ये योजना इस साल जुलाई के महीने में शुरू हुई थी. इस दौरान हमारी कुछ ऐसी महिलाओं से भी मुलाक़ात हुई जो विधवा हैं और उन्हें विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. हमें एक विधवा महिला ने बताया कि जब से लाड़की बहीण योजना शुरू हुई है तब से उन्हें उनकी विधवा पेंशन नहीं मिली है.

हालांकि, कई महिलाएं लाड़की बहीण योजना से बहुत खुश हैं, क्योंकि इस योजना के चलते उनके पास निजी खर्चों के लिए अब पैसे रहते हैं. हमने कई महिलाओं से बात की जिन्होंने बताया कि इस योजना के कारण वे अब व्यक्तिगत खर्चों को खुद उठा पा रही हैं बिना अपने पति के ऊपर निर्भर हुए.

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