मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने वापस लिया पत्रकार प्रोत्साहन योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने लेख लिखवाने की एवज में पांच हजार रुपए तक दिए जाने का आदेश जारी किया था, जिसे महीने भर के भीतर ही अब वापस ले लिया गया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

मध्य प्रदेश सरकार ने अब अपने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें कुछ दिन पहले ही राज्य शासन की जनहितकारी नीतियों, निर्णय, जन-कल्याणकारी योजनाओं अभियान, कार्यक्रमों और नवचारों पर केंद्रित लेख प्रकाशित करने की बात कही गई थी. इसकी एवज में जनसंपर्क विभाग ने समाचार पत्रों और लेखकों को एक हजार रुपए से पांच हजार रुपए तक दिए जाने की बात कही थी. दरअसल, इस आदेश का मकसद सरकार की 'तारीफ' में लेख लिखवाना था. हालांकि अब इसे वापस ले लिया गया है.

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग का नया आदेश.

जनसंपर्क विभाग की ओर से 20 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया कि जनसंपर्क संचालनालय द्वारा फीचर एजेंसी/वरिष्ठ लेखकों से राज्य शासन की जनहितकारी नीतियों, निर्णय, जन-कल्याणकारी योजनाओं, अभियान कार्यक्रमों और नवाचारों पर केंद्रित आलेख आमंत्रित किए जाने के दिशा निर्देश संबंधी जारी आदेश 23 अक्टूबर 2024 से तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है.

बता दें कि 23 अक्टूबर को जारी इस आदेश में इस योजना के अनुसार अखबार व लेखकों को तीन कैटेगरी में रखा था. पहली कैटेगरी में 5000 रुपए, दूसरी 3000 रुपए और तीसरी कैटेगरी में शामिल लोगों को 1000 दिए जाना तय हुआ था.

इस आदेश को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी बहस हुई थी. कई यूजर्स ने लिखा था कि सरकार की तारीफ करो और 5,000 रुपए पाओ. अब इसे वापस ले लिया गया है.

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