Newslaundry Hindi
चार सप्ताह के भीतर आईबी मंत्रालय रिपब्लिक टीवी के विरुद्ध जारी करे आदेश: दिल्ली हाईकोर्ट
रिपब्लिक टीवी द्वारा लगातार कार्यक्रम संहिता और अपलिंकिंग एवं डाउनलिंकिंग गाइडलाइंस उल्लंघन मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. भारतीय युवा कांग्रेस के सचिव अमरीश रंजन पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को आदेश दिया गया है, कि वह चार सप्ताह के भीतर रिपब्लिक टीवी चैनल के विरुद्ध आदेश जारी करें.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जॉबी पी वर्गीज ने न्यूजलॉन्ड्री से बात करते हुए कहा कि रिपब्लिक टीवी ने पालघर में साधुओं की हत्या और लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की घर वापसी पर चार शो किए थे, जिसमें उन्होंने टीवी पर गलत रिपोर्टिंग कर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि पालघर वाले मामले में चैनल ने एक खास कम्यूनिटी को टारगेट किया जो कि नियमों के विरुद्ध है. यही नहीं शो के दौरान गलत भाषा का भी इस्तेमाल किया गया.
वहीं लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की घर वापसी को भी चैनल ने एक साजिश करार दिया था. जॉबी पी वर्गीज के मुताबिक टीवी में शो को इस तरह से दिखाया गया कि कोई भी मजदूर परेशान नहीं था और न ही घर जाने वाले लोग मजदूर थे. टीवी पर दिखाया गया कि यह एक बहुत बड़ी साजिश है, मीडिया में चल रही खबरें फेक हैं. उन्होंने बताया कि टीवी द्वारा इन दोनों मुद्दों पर अप्रैल माह में चार शो किए गए.
यह याचिका बी पी वर्गीज के माध्यम से 5 मई 2020 को दाखिल की गई थी. इसमें शिकायत की गई थी कि, अभी तक मंत्रालय द्वारा रिपब्लिक टीवी से अपलिंकिंग एवं डाउनलिंकिंग मानदण्ड का पालन सुनिश्चित नहीं कराया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नियंत्रण के उद्देश्य से गठित आत्म नियामक संस्था नेशनल ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (NBA) का कहना है कि चूंकि रिपब्लिक चैनल उनका सदस्य नहीं है, ऐसे में उनके न्यायाधिकरण में नहीं आता है. इसी संदर्भ में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विरुद्ध दिशा-निर्देश जारी करते हुए संगत आदेश जारी करने की मांग की गई थी.
गौरतलब हैं कि एनबीए ने सुप्रीम कोर्ट में भी सुदर्शन टीवी के खिलाफ चल रहें सुनवाई में कहा था कि यह चैनल उसका सदस्य नहीं है इसलिए हम उनके खिलाफ कोई कारवाई नहीं कर सकते है. इस दौरान एनबीए ने कोर्ट से उसे शक्तियां देने की मांग की थी.
बता दें कि हाल के दिनों में टीआरपी की लड़ाई टीवी चैनलों के बीच तेज हो गई है. हाल ही के दिनों में रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी के मामले में आजतक को पछाड़ कर नंबर वन बन गया. गौरतलब हैं कि रिपब्लिक टीवी पालघर, सुशांत केस के मामले की रिपोर्टिंग को लेकर भी चर्चा में है. वहीं टीवी चैनल का कांग्रेस और शिवसेना पार्टी से भी खटपट चल रहा है.
Also Read
-
BJP’s ‘Bangladeshi immigrants’ claim in Jharkhand: Real issue or rhetoric?
-
Newsance 274: From ‘vote jihad’ to land grabs, BJP and Godi’s playbook returns
-
‘Balasaheb in his blood’: In Worli, does Milind Deora stand a chance against Aaditya Thackeray?
-
क्या महायुति गठबंधन की नैया पर लगा पाएगी 'लाड़की बहीण योजना'?
-
Who owns Shivaji’s legacy? The battle over Maharashtra's icon