Newslaundry Hindi
एनएल चर्चा 161: ममता बनर्जी का विपक्ष को पत्र और असम में ईवीएम विवाद
एनएल चर्चा के 161 वें एपिसोड में टीएमसी का चुनाव आयोग और ममता बनर्जी का विपक्ष के नेताओं को पत्र, छोटी बचत योजनाओं में कटौती का फैसला वापस, असम में बीजेपी उम्मीदवार की कार में मिला ईवीएम, जेंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट में भारत की गिरती रैंकिंग और कोरोना के देशभर में बढ़ते मामले समेत कई अन्य विषयों का जिक्र हुआ.
इस बार चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने चर्चा की शुरुआत असम में ईवीएम वाले मामले से की. आशुतोष से सवाल पूछते हुए कहते हैं, जिस तरह से एएनआई ने ईवीएम मिलने के बाद घटना को सूत्रों के हवाले से लिखकर चला दिया, उसके बाद खुद चुनाव आयोग ने गलती मानी और उस पोलिंग बूथ का चुनाव रद्द कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम पर एएनआई द्वारा की गई लीपापोती पर आप की टिप्पणी क्या है.
आशुतोष जवाब देते हुए कहते हैं, देश में एएनआई उस समय आई थी जब देश में टीवी चैनल नहीं के बराबर थे. उसका कामकाज हमेशा से केंद्र में रही सरकार के साथ मिलकर रहा है, इसलिए उसे बहुत स्वतंत्र मीडिया एजेंसी के तौर पर नहीं देख सकते हैं. ईवीएम वाले मुद्दे पर मुझे लगता है कि उसे कोई सफाई देने या नहीं देने की जरूरत नहीं थी. अगर मान लेते हैं कि गाड़ी खबर हो गई थी और चुनाव अधिकारी दूसरी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे तो उन्हें न्यूट्रल रहना चाहिए था कोई सफाई नहीं देनी चाहिए थी और ना की बीजेपी उम्मीदवार की गाड़ी में सवार होना चाहिए था. चुनाव ना सिर्फ निष्पक्ष और स्वतंत्र होने चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए. मैं मौके पर नहीं था इसलिए मैं चुनाव अधिकारियों पर सवाल नहीं उठा सकता. इस पूरे मसले पर एएनआई को कोई सफाई देने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि वो ना तो चुनाव आयोग है और ना ही राजनीतिक पार्टी.
अतुल यहां पर शार्दूल को चर्चा में शामिल करते हुए पूछते हैं, बतौर मीडिया संस्थान इस तरह की रिपोर्टिंग से आप की जो निष्पक्षता है उसे नुकसान पहुंचता है. आप इस मसले को कैसे देखते हैं?
शार्दूल जवाब देते हुए कहते हैं, आजकल जो मीडिया की हालत है उसको देखकर कहा नहीं जा सकता की एएनआई की निष्पक्षता कितनी खराब होगी. राजनीति से इतर अगर बात करें एएनआई की तो वह अपना काम ही कर रहा था. वह न्यूज एजेंसी है जिसका काम ही खबर देने का है. वह तथ्यों और न्यूज से पड़ने वाले परिणामों पर बाद में जाते हैं, जैसा चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ईवीएम सील थी लेकिन निष्पक्षता के लिए हम फिर से चुनाव करवा रहे हैं. इस मामले में केवल वीडियो चला देने से घटना की बातचीत हर जगह होने लगी जबकि इसकी सच्चाई बाद में आई.
इस विषय के अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
आशुतोष
मोहम्मद अली जिन्ना की बायोग्राफी
शार्दूल कात्यायन
नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही सीपीएम की उम्मीदवार की कहानी - मेघनाद की रिपोर्ट
केरल के वायनाड में आदिवासियों की स्थिति पर - निधि सुरेश और आदित्य वारियर की रिपोर्ट
द बंगाल कनन्ड्रम किताब के लेखक संबित पाल और शार्दूल कात्ययान का इंटरव्यू
अतुल चौरसिया
नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री - सी पायरेसी
***
प्रोड्यूसर- लिपि वत्स
रिकॉर्डिंग - अनिल कुमार
एडिटिंग - सतीश कुमार
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह.
Also Read: यह चुनाव तो ममता बनर्जी जीत जायेंगी लेकिन…
Also Read
-
Adani met YS Jagan in 2021, promised bribe of $200 million, says SEC
-
Pixel 9 Pro XL Review: If it ain’t broke, why fix it?
-
What’s Your Ism? Kalpana Sharma on feminism, Dharavi, Himmat magazine
-
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने वापस लिया पत्रकार प्रोत्साहन योजना
-
The Indian solar deals embroiled in US indictment against Adani group